जालंधर27 मिनट पहले
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डिब्रूगढ़ जेल में NSA अधिकारी
असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद खालिस्तान समर्थक वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह से पूछताछ का क्रम शुरू हो गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने जेल में अमृतपाल से पूछताछ की है। मंगलवार को डिब्रूगढ़ पहुंचे राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने बुधवार को अमृतपाल सिंह से जेल में ही करीब 2 घंटे तक पूछताछ की।
हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के किसी अधिकारी ने यह पुष्टि नहीं की है उनसे क्या-क्या और किन-किन सवालों के जवाब मांगे गए हैं। लेकिन पता चला है कि अमृतपाल से खालिस्तानी गतिविधियों और विदेश में बैठे खालिस्तानी समर्थकों से मिलने वाली फंडिंग के बारे में पूछा गया है। यह भी पता चला है कि एजेंसी के अधिकारी फिर से अमृतपाल से पूछताछ कर सकते हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने सिर्फ यह जानकारी दी है कि अमृतपाल सिंह से अलग से अकेले पूछताछ की गई है। उन्होंने कहा कि एजेंसी के अधिकारी अमृतपाल के चाचा हरजीत सिंह और करीबी पपलप्रीत समेत 8 अन्य जेल में बंद पंजाब के लोगों से भी अल-अलग पूछताछ करेंगे।

डिब्रूगढ़ जेल में अमृतपाल की फाइल फोटो
पूछताछ से पहले NSA के एडवाइजरी बोर्ड ने की थी मुलाकात
राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों की पूछताछ से पहले असम की डिब्रूगढ़ जेल में NSA के एडवाइजरी बोर्ड के सदस्यों ने अमृतपाल उसके करीबी पपलप्रीत समेत 9 लोगों से मुलाकात की थी। बोर्ड की अध्यक्षा हाईकोर्ट की रिटायर जस्टिस शाबिहुल हसनैन, बोर्ड के सदस्यों सुवीर सिओकंद, दिव्यांशु जैन, पंजाब पुलिस के आईजी राकेश अग्रवाल शामिल थे ने अमृतपाल और उसके साथियों से अलग-अलग मुलाकात की थी। उनसे कुछ सवाल पूछे और बयान दर्ज किए थे।

अमृतपाल और उसका करीबी पपलप्रीत
अमृतपाल और पपलप्रीत समेत 9 पंजाबी डिब्रूगढ़ जेल में बंद
पंजाब के अजनाला थाने पर हमला करने और खालिस्तानी गतिविधियों को लेकर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके करीबी पपलप्रीत सिंह समेत 9 पंजाबी युवक असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं। पपलप्रीत को 10 अप्रैल को गिरफ्तार कर 11 अप्रैल को डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया था।

संत भिंडरावाला के गांव रोडे में अमृतपाल गिरफ्तारी। फाइल फोटो
जबकि वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने 36 दिन की फरारी के बाज 23 अप्रैल को संत जरनैल सिंह भिंडरांवाला के गांव रोडे के गुरुघर से गिरफ्तार किया गया था। यहां गिरफ्तारी से पहले उसने गुरुघर में माथा टेका और वहां पर मौजूद संगत को संबोधित भी किया था।
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