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अमृतसर34 मिनट पहले
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PM विश्वकर्मा योजना को लॉन्च करने के अवसर पर अमृतसर पहुंचे केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी।
विश्वकर्मा जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना शुरू की है। इस अवसर पर गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें भारत सरकार के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, आवास व शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और भारी संख्या में कारीगरों और शिल्पकारों ने भाग लिया।
मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि ‘पीएम विश्वकर्मा’ योजना अनौपचारिक क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी। वित्तीय सहायता प्रदान करने के अलावा, यह योजना लक्षित लोगों के कौशल को भी उन्नत करेगी। इस दौरान GNDU के वाइस चांसलर डॉ. जसपाल सिंह ने कहा कि इस योजना का शुभारंभ उन्हें उस समय की याद दिलाता है, जब दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना शुरू की गई थी।
इस योजना का उद्देश्य गुरु-शिष्य परंपरा या अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले विश्वकर्माओं के पारंपरिक कौशल की परिवार-आधारित प्रथा को मजबूत और पोषित करना है। पीएम विश्वकर्मा का मुख्य फोकस कारीगरों और शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की पहुंच के साथ-साथ गुणवत्ता में सुधार करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के साथ एकीकृत हों।
सेवा केंद्रों से होगा विश्वकर्माओं का निशुल्क पंजीकरण
योजना के तहत, बायोमेट्रिक आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करके सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से विश्वकर्माओं का निशुल्क पंजीकरण किया जाएगा। पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाएगी।
बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण से जुड़े कौशल उन्नयन, 15 हजार रुपए का टूलकिट प्रोत्साहन, 1 लाख रुपए तक संपार्श्विक-मुक्त क्रेडिट सहायता (पहली किस्त) और 2 लाख (दूसरी किस्त) प्रदान की जाएगी। 5% की रियायती ब्याज दर, डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन और विपणन सहायता।
योजना में 18 पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया
यह योजना पूरे भारत में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के कारीगरों और शिल्पकारों को सहायता प्रदान करेगी। पीएम विश्वकर्मा के अंतर्गत 18 पारंपरिक शिल्पों को शामिल किया जाएगा। इनमें (1) बढ़ई (2) नाव निर्माता (3) कवचधारी (4) लोहार (5) हथौड़ा और टूल किट निर्माता (6) ताला बनाने वाला (7) सुनार (8) कुम्हार (9) मूर्तिकार, पत्थर तोड़ने वाला (10) मोची (जूता/जूता कारीगर) (11) मेसन (राजमिस्त्री) (12) टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/कॉयर बुनकर (13) गुड़िया और खिलौना निर्माता (पारंपरिक) (14) नाई (15) माला बनाने वाला (16) धोबी (17) दर्जी और (18) मछली पकड़ने का जाल निर्माता को शामिल किया जाएगा।
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