आगरा में अजब गजब मामला: नवजात को डॉक्टर ने बताया मृत, घरवाले बोले 12 घंटे बाद बच्चे ने खोली आंखें

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आगरा14 मिनट पहले

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आगरा के बाह तहसील के जैतपुर सीएचसी में डॉक्टर की लापरवाही का मामला सामने आया है। दावा है कि सीएचसी पर डॉक्टर ने जिस नवजात को मृत बताया, उसकी 12 घंटे बाद धड़कन चल रही थी। जल प्रवाह करते समय नवजात ने आंख खोली तो परिजन उसे अस्पताल लेकर भागे। चिकित्सक ने उसे आगरा रेफर कर दिया, लेकिन वहां पर उसे फिर से मृत घोषित कर दिया गया। अब परिजन सीएचसी पर प्रसव के दौरान लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।

चंदन सिंह ने बताया कि पांच बेटियों के बाद उनके बेटा हुआ था।

चंदन सिंह ने बताया कि पांच बेटियों के बाद उनके बेटा हुआ था।

गुरुवार को हुई थी डिलीवरी

पारना गांव निवासी चंदन सिंह गुरुग्राम में नर्सरी की देखभाल का काम करते हैं। बताया गया है कि गुरुवार रात को उनकी पत्नी मीरा देवी को प्रसव पीड़ा हुई। , परिजनों रात 10 बजे उन्हें जैतपुर सीएचसी पर लेकर पहुंचे। जहां पर रात 10.30 बजे प्रसव हुआ। बताया गया है कि नवजात को नर्सिंग स्टाफ ने मृत बताकर कपड़े में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद रात में मीरा देवी को घबराहट और बेचैनी होने पर उनका उपचार किया। हालत ठीक होने पर उनको भी घर भेज दिया।

चंदन सिंह ने बताया कि गुरुवार को उन्हें साढे़ 10 बजे फोन पर बताया गया कि लड़का हुआ है। थोड़ी देर बाद फिर फोन आया कि वो मृत है। नवजात की मौत की सूचना पर वो शुक्रवार की सुबह 10 बजे के करीब गांव पहुंचे। नवजात का अंतिम संस्कार के लिए उसे यमुना में जल प्रवाह के लिए ले जाया गया। वहां पर ए नहलाते समय नवजात ने सांस ली। शरीर में हलचल के साथ उसने आंखे खोली। नवजात को जिंदा पाकर परिजन उसे इलाज के लिए गांव के नजदीक पड़ने वाले सिरसागंज में चिकित्सक के पास ले पहुंचे। परिजनों के मुताबिक नवजात की हालत चिंताजनक बताकर चिकित्सक ने आगरा भेज दिया। उसने कहाकि बच्चे को तत्काल वेंटिलेटर की आवश्यकता है। वो बच्चे को आगरा लेकर पहुंचे, जहां पर चिकित्सकों ने उसे फिर से मृत घोषित कर दिया।

लापरवाही का आरोप
चंदन सिंह ने बताया कि प्रसव में लापरवाही बरती गई है। नवजात को ठीक देखा होता और उसे समय पर इलाज मिल जाता तो जान बच सकती थी। डॉक्टर ने बच्चे की सही से सफाई तक नहीं की। उनके मुताबिक प्रसव के 12 घंटे बाद नवजात की सांस चलती मिली। उन्होंने दोषियों के खिलाफ जांच और कार्रवाई की मांग की है। इस संबंध में जैतपुर सीएचसी के अधीक्षक डॉ. विनय कुमार ने बताया कि नवजात के जल प्रवाह के समय जिंदा होने के बारे में सुना है, शिकायत मिलने पर जांच और कार्रवाई होगी। नवजात को परिजन शिकोहाबाद और आगरा में कहां ले गये, जानकारी जुटाई जाएगी। तभी कुछ स्पष्ट हो सकेगा।

बेटे के लिए मांगी थी मन्नत
पारना की मीरा देवी का छठवां प्रसव था। पांच बेटियां तुलसी (15), प्रिया (11), दक्षिता (8), साक्षी (5), प्रियांसी (3) के बाद बेटा पैदा हुआ था। घरवालों का कहना है कि
बेटे को जन्म के बाद ही नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही ने उनसे छीन लिया। पिता चंदन सिंह और प्रसूता मीरा देवी ने बताया कि उन्होंने बेटे के लिए मन्नतें मांग रखी थी। मंदिरों में जाकर प्रार्थनाएं की थी।

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