बरेली18 मिनट पहले
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बरेली के मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रजा रंग बिरंगी रोशनी में नहाया हुआ, यहीं पर उर्स चल रहा है।
पांचवा दो रोज़ा उर्स -ए -ताजुशशरिया का परचम कुशाई से हुआ हुआ। बरेली के ताजश्शरिया उर्स में देश के अलग अलग स्थानों के अलावा विदेशों से भी जायरीन शामिल हुए। इससे पहले सज्जादानशीन मुफ़्ती असजद मियां ने रस्म अदा की, वहीं फरमान मियां की क़यादत में परचमी जुलूस निकले।
ताजुश्शरिया मुफ़्ती अख़्तर रज़ा खान अज़हरी मियां र. अलैह का 5 वां दो रोज़ा का आगाज़ बाद नामज़-ए-असर आज परचम कुशाई की रस्म के साथ हो गया। परचम कुशाई की रस्म सज्जादानशीन मुफ़्ती असजद मियां देश-विदेश से आए उलेमा व अकीदतमंदों की मौजूदगी में अपने हाथों अदा कर दुनियाभर में अमन ओ सूकून की दुआ की।
रात में महफिल ए मिलाद
जमात रजा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ फरमान मियां ने बताया कि ताजुश्शरिया उर्स बरेली के मथुरापुर स्थित मदरसा जामियातुर रजा में मनाया गया। जिसमें 8 देशों के जायरीन शामिल हुए। रात में महफ़िल-ए-मिलाद के बाद शोहरा व उलेमा की महफ़िल सजाई गई। देश -विदेश के लाखों ज़ायरीन इसमें शामिल हुए।

ताजुश्शरिया उर्स में शामिल जायरीन।
उर्स की सभी तकरीबात सज्जादानशीन व काज़ी -ए -हिंदुस्तान मुफ़्ती असजद रज़ा क़ादरी (असजद मियां) की सरपरस्ती, जमात के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सलमान मियां की सदारत व जमात के राष्ट्रीय महासचिव फरमान मियां की निगरानी में अदा की गई।
दिन में तीन परचमी जुलूस निकाल गए
दिन में तीन परचमी जुलूस निकाले गए। जिसमें पहला कोहाड़ापीर से सय्यद कैफ़ी अली के निवास से,दूसरा आज़म नगर से मोहम्मद साजिद व तीसरा सैलानी से समरान खान के निवास से निकला। तीनो जुलूस अपने क़दीमी रास्तों से नॉवेल्टी चौराहा पहुंचे। यहां फरमान मियां की क़यादत में इस्लामिया स्कूल, बिहारीपुर के रास्ते दरगाह ताजुशशरिया पहुंचा। जुलूस की क़यादत कर रहे दामाद ए क़ाईद ए मिल्लत फरमान मिया का जगह जगह फूलों से सभी लोगों ने स्वागत किया।

जमात रजा ए मुस्तफा के राष्ट्रीय महासचिव डॉ फरमान मियां का जूलूस के दौरान स्वागत करते हुए।
ताजुश्शरिया ने पूरी जिंदगी मजहब के लिए दी
जुलूस से पहले फरमान मियां ने कहा कि ताजुशशरिया ने अपनी पूरी ज़िन्दगी मज़हब व मसलक के लिए वफ्क कर दी। मसलक के फरोग के लिए दुनियाभर के दौरे किए। 50 सालों में उन्होंने एक लाख से ज्यादा फतवे लिखे। 23 देशों में ताजुश्शरिया ने पहचान बनाई।
इल्म की शमा रोशन की। आज मुसलमानों को ताजुशशरिया के नक्शे कदम पर चलते हुए अपने बच्चों को दीनी व दुनियावी तालीम ज़रूर दिलाए। चाहे आधा पेट खाए लेकिन शिक्षा पर खास ध्यान दे। ताकि बच्चो का बेहतर भविष्य बन सके, शिक्षा ही समाज और राष्ट्र के निर्माण को आगे बढ़ाती है।

उर्स में लंगर के लिए एकत्र जायरीन।
अलग अलग देशों से पहुंचे जायरीन
उर्स में अलग अलग देशों से जायरीन पहुंचे। इस मौके पर मुख्य रूप से,डॉ मेंहदी हसन, समरान ख़ान, नवेद ख़ान, साकिब ख़ान अहद खान, मोइन खान, सैय्यद फुरकान मिया, मौलाना निजामुद्दीन, गुलाम हुसैन, नईम रज़ा तहसीनी, मुर्तजा अजहरी आदि लोग मौजूद रहे।
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