कांग्रेसियों पर लाठी चार्ज की पांचवी बरसी: कांग्रेस भवन में घुस कर पुलिस ने बरसाई थी लाठियां, अब अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे पूर्व विधायक

Chhattisgarh


छत्तीसगढ़ में पांच साल पहले आज ही के दिन 18 सितंबर को बिलासपुर में कांग्रेस भवन में घुसकर पुलिस ने लाठियां बरसाई थी, जिसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता की वापसी हुई। लाठी चार्ज की इस घटना की जांच पांच साल बाद भी अधूरी है।

कांग्रेसियों पर लाठी चार्ज की पांचवी बरसी:कांग्रेस भवन में घुस कर पुलिस ने बरसाई थी लाठियां, अब अपनी सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे पूर्व विधायक

पांच साल पहले हुई लाठी चार्ज की घटना की अब तक जांच पूरी नहीं होने पर उठाए सवाल। पांच साल पहले हुई लाठी चार्ज की घटना की अब तक जांच पूरी नहीं होने पर उठाए सवाल।

छत्तीसगढ़ में पांच साल पहले आज ही के दिन 18 सितंबर को बिलासपुर में कांग्रेस भवन में घुसकर पुलिस ने लाठियां बरसाई थी, जिसके बाद प्रदेश में कांग्रेस की सत्ता की वापसी हुई। लाठी चार्ज की इस घटना की जांच पांच साल बाद भी अधूरी है।

लाठी चार्ज की पांचवी बरसी पर पूर्व विधायक व जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और कांग्रेस भवन के सामने धरना-प्रदर्शन लाठी चार्ज करने के दोषी अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं।

दरअसल, प्रदेश में पांच साल पहले 18 सितंबर 2018 को भाजपा की सरकार थी, तब तत्कालीन मंत्री व शहर विधायक अमर अग्रवाल ने कांग्रेसियों की तुलना कचरे से की थी। उनके इस बयान के बाद कांग्रेस नेताओं में आक्रोश भड़क गया और भाजपा नेता व मंत्री के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। विरोध की इस कड़ी में जिला कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर अमर अग्रवाल के बंगले का घेराव किया गया और पुलिस की सुरक्षा के बीच कांग्रेस कार्यकर्ता उनके बंगले में कचरा फेंक दिए।

लाठी चार्ज की घटना की पोस्टर लगाकर जताया विरोध।

लाठी चार्ज की घटना की पोस्टर लगाकर जताया विरोध।

गिरफ्तार करने पहुंची पुलिस ने बरसाई लाठियां

तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं की भीड़ मंत्री बंगले तक पहुंच गई। जबकि, पुलिस ने उन्हें पहले ही रोकने की योजना बनाई थी। इस असफलता के बाद पुलिस की टीम कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने कांग्रेस भवन पहुंच गई। उस समय कांग्रेस नेता अंदर हाल में बैठक कर रहे थे। उन्हें गिरफ्तार करने के बजाए पुलिस कांग्रेस भवन में घुस गई और ताबड़तोड़ लाठियां बरसाने लगी। वहीं, सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर कांग्रेस नेताओं की पिटाई करती रही। इस हमले में पयर्टन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव समेत दर्जन भर कांग्रेस नेता घायल हो गए।

पांच साल में पूरी नहीं हुई दंडाधिकारी जांच

लाठी चार्ज की इस घटना के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने दंडाधिकारी जांच के आदेश दिए। इस बीच प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई। लेकिन, पांच साल बाद भी दंडाधिकारी जांच पूरी नहीं हो पाई है। वहीं, अब तक लाठी चार्ज के दोषियों पर कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

जांच से पहले ही बदल दी थी जगह

18 सितंबर को कांग्रेसियों ने मंत्री अग्रवाल के राजेंद्र नगर स्थित बंगले पर कचरा फेंक दिया और कांग्रेस भवन चले गए। आधे घंटे बाद पुलिस अफसर व टीम कांग्रेस भवन पहुंची और कांग्रेसियों पर ताबड़तोड़ लाठियां बरसाईं। लेकिन, जांच शुरू हुई, तब घटनास्थल बदल दिया गया था और बताया गया कि मंत्री बंगले के घेराव के दौरान लाठी चार्ज की घटना हुई है।

विरोध-प्रदर्शन करने बनवाया गुमटी, उसमें भी लाठी चार्ज के पोस्टर लगाए गए हैं।

विरोध-प्रदर्शन करने बनवाया गुमटी, उसमें भी लाठी चार्ज के पोस्टर लगाए गए हैं।

अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठे पूर्व विधायक

पांच साल पहले हुई लाठी चार्ज की इस घटना की पांचवी बरसी पर पूर्व विधायक और जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण तिवारी अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस भवन के सामने धरना-प्रदर्शन कर नारेबाजी की। उनका कहना था कि पांच साल पहले हुई इस घटना की अब तक जांच नहीं हो पाई है और न ही लाठी चार्ज कराने वाले दोषी अफसरों पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने मांग की है कि लाठी चार्ज की इस घटना के दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

लाठी चार्ज की घटना के लगाए पोस्टर

विरोध-प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेता व समर्थकों ने विरोध प्रदर्शन के लिए गुमटी तैयार किया है, जिसमें लाठी चार्ज की घटना के पोस्टर लगाए गए हैं। इस दौरान कांग्रेस नेता व कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी।

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