जबलपुरएक घंटा पहले
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जबलपुर में ड्राइवर के बेटे समीर पटेल ने दसवीं कक्षा में प्रदेश में सातवां और जबलपुर में पहला स्थान हासिल किया हैं। समीर के माता-पिता अपने बेटे को कोचिंग जाने के लिए कहते थे। लेकिन अपने माता-पिता की आर्थिक तंगी कारण समीर ने कोचिंग ज्वाइन नहीं की और अपने डाउट को दूर करने के लिए कोचिंग की जगह यूट्यूब से पढ़ाई की।
समीर का कहना है कि स्कूल में टीचर भी बहुत अच्छा पढ़ाते थे, लेकिन कुछ डाउट होते थे। जिसे मैं यूट्यूब से देख कर पढ़ता था और वहीं कुछ प्रश्न जब पेपर में आए तब मुझे एहसास हुआ कि शायद सोशल मीडिया का उपयोग कर श्याम का समाधान किया जा सकता है। दरअसल दसवीं कक्षा में जबलपुर के समीर पटेल ने प्रदेश भर में सातवां स्थान हासिल किया है। समीर को 500 में से 488 अंक मिले हैं।

दैनिक भास्कर से चर्चा के दौरान समीर ने सांझा की अपनी लाइफ स्टाइल और पढ़ाई करने का तरीका….
दसवीं का परीक्षा परिणाम आने वाला था, मुझे काफी उम्मीद थी कि रिजल्ट देख कर मम्मी-पापा बहुत खुश होंगे। 1 दिन पहले से मैं यही सोच रहा था.. कि शायद मैं प्रदेश में टॉप करूंगा। लेकिन मैं कुछ अंको से चूक गया। लेकिन मुझे खुशी है कि मैंने जिले में पहला और प्रदेश में सातवां स्थान हासिल किया है। इसके पीछे मेरे परिवार और मेरे टीचरों की मेहनत रही है। जिसके कारण मैंने प्रदेश में जबलपुर जिले का परचम लहराया है। समीर ने बताया की उनके पापा धर्मराज पटेल निजी कंपनी में ड्राइवर हैं, जो दिन भर मेहनत करते हैं। वही मां हाउसवाइफ है। घर में वह अपने मम्मी-पापा और दो बड़ी बहनों के साथ घर में सबसे छोटा है। यही कारण है कि मुझे फैमिली सपोर्ट बहुत मिलता है। वही पापा का काम में समर्पण को देख मैं स्कूल के अलावा रोज 4 से 5 घंटे पढ़ाई करता था। जिसके कारण ही मैं आज प्रदेश में सातवां स्थान हासिल कर पाया हूं। फिलहाल समीर अभी जबलपुर में नहीं हैं अपने परिवारिक कार्यक्रम के कारण दिल्ली गए हुए हैं।

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