गया19 मिनट पहले
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गया में गुरुवार को अनुग्रह मेमोरियल कॉलेज में सिविल सेवा के प्रतिभागियों के लिए चाणक्य आईएस एकेडमी ने सेमिनार का आयोजन किया। इस सेमिनार में कॉलेज के सैकड़ों विद्यार्थियों ने भाग लिया।सेमिनार को संबोधित करते हुए चाणक्य आईएएस एकेडमी के रीजनल हेड डॉ. कृष्णा सिंह ने कहा कि सिविल सर्विस की तैयारी मुश्किल नहीं है। कोई भी व्यक्ति जो निम्नतम अर्हता रखता है, वो एक उचित मार्गदर्शन में मापदंडों का पालन करके इस परीक्षा में उतीर्ण कर सकता है। इसके लिए लक्ष्य बिल्कुल स्पष्ट होना चाहिए। विद्यार्थी को यह पता होना चाहिए कि उसे क्या बनना है। कब बनना है। क्यों बनना है और कैसे बनना है।
30 वर्षों में संस्थान ने कई आईपीएस दिए
उन्होंने कहा कि चाणक्य आईएएस एकेडमी की स्थापना सक्सेस गुरु एके मिश्रा ने 1993 में दिल्ली में की थी। बिहार में तीन शाखाएं समेत देश के विभिन्न राज्यों में 30 शाखाएं हैं। 30 वर्षों में इस संस्थान ने देश को लगभग 5,213 आईएएस , आईपीएस तथा अन्य राज्यस्तरीय सिविल सेवाओं में हजारों चयनित विद्यार्थी इस देश को दिया है।
मेधावी विद्यार्थियों के लिए छात्रवृति का मौका
डॉ कृष्णा सिंह ने बताया कि चाणक्य आईएएस एकेडमी आज देश की सर्व प्रतिष्ठित संस्था है जो विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करके न केवल उन्हें सिविल सेवा में चयनित कराने में सहायता प्रदान करती है। बल्कि भविष्य के नौकरशाहों की अपने शिक्षण मार्गदर्शन से व्यापक पैमाने पर नैतिक एवं प्रशासनिक कौशल भी प्रदान करती है। जिससे वे अपने कार्यों को सुगमता से कर सकें। डॉ. कृष्णा सिंह ने गया जिले के विद्यार्थियों के लिए एक विशेष छात्रवृत्ति की भी घोषणा की। छात्रवृत्ति परीक्षा से विभिन्न श्रेणियों में विद्यार्थियों को उनकी मेधा के अनुरूप छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। वैसे मेधावी छात्र जो आर्थिक कारणों से संस्था तक नहीं पहुंच पाते उनके लिए यह स्वर्णिम मौका है।
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