गुजरात बोर्ड 10वीं के रिजल्‍ट जारी: 64.62% स्टूडेंट्स हुए पास, 6,111 स्टूडेंट्स को मिला ए-1 ग्रेड, लड़कियां फिर निकलीं लड़कों से आगे

Gujarat

अहमदाबाद38 मिनट पहले

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सूरत जिले का रिजल्‍ट सबसे अधिक 76%, जबकि दाहोद का सबसे कम 40.75 प्रतिशत रहा है।

गुजरात माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (GSHSEB) ने आज, 25 मई को गुजरात बोर्ड कक्षा 10वीं की परीक्षा के रिजल्‍ट जारी कर दिए हैं। बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार इस बार की परीक्षाओं में 64.62 फीसदी स्टूडेंट्स पास घोषित किए गए हैं। सूरत जिले का रिजल्‍ट सबसे अधिक 76%, जबकि दाहोद का सबसे कम 40.75 प्रतिशत रहा है।

वहीं, 6,111 स्टूडेंट्स को ए1 ग्रेड मिला है, जबकि 86,611 को बी1, 1,27,652 को बी2, 1,39,242 को सी1 और 67373 को सी2 ग्रेड मिला है। राज्य में गुजरात बोर्ड कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा 14 मार्च से 28 मार्च, 2023 तक आयोजित की गई थी। इस साल लगभग 8 लाख स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल हुए।

इस साल लगभग 8 लाख स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल हुए।

इस साल लगभग 8 लाख स्टूडेंट्स एग्जाम में शामिल हुए।

लड़कियों ने फिर मारी बाजी
गुजरात में पिछले पांच सालों में 10वीं कक्षा में लड़कियों का रिजल्ट लड़कों से ज्यादा बढ़ रहा है। 2019 से 2023 तक औसतन 10 फीसदी का अंतर रहा है। पिछले चार साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 2019 में 9.81 प्रतिशत, 2020 में 9.49 प्रतिशत, 2021 में मास प्रमोशन, 2022 में 11.74 प्रतिशत और 2023 में 11.04 प्रतिशत रहा है। इस तरह 5 साल के रिजल्ट में लड़कियां औसतन 10 फीसदी ज्यादा रिजल्ट के साथ लगातार आगे बढ़ रही हैं।

लड़कियों ने चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया है: दोषी
शिक्षाविद् मनीष दोषी ने कहा- अगर यही सिलसिला चलता रहा तो निकट भविष्य में समाज और व्यापार का समीकरण बदल सकता है। यह चलन एक तरह से बहुत अच्छा है। शिक्षित बेटियां समाज को और परिपक्व बनाएंगी और आने वाली पीढ़ी को शिक्षित बनाने में काम आएंगी। इसके साथ ही लड़कों के लिए प्रोफेशनल फील्ड में चुनौतियां पैदा हो रही हैं। इन परिणामों से पता चलता है कि सामाजिक और पारिवारिक समस्याओं का सामना कर रही लड़कियों ने चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया है।

2019 से 2023 तक लड़कियों और लड़कों के रिजल्ट में औसतन 10 फीसदी का अंतर रहा है।

2019 से 2023 तक लड़कियों और लड़कों के रिजल्ट में औसतन 10 फीसदी का अंतर रहा है।

माता-पिता के लिए यह चेतावनी संकेत
शिक्षाविद भास्कर पटेल ने कहा, यह माता-पिता के लिए चेतावनी संकेत है। आज के कक्षा 10 के छात्रों का झुकाव मोबाइल और सोशल मीडिया की ओर है। इसलिए पढ़ाई को गंभीरता से नहीं लेते। यहां तक ​​कि माता-पिता अपने बेटे का मोबाइल 10वीं कक्षा से पहले ही हाथ में दे देते हैं। जिस तरह माता-पिता बेटी को समाज में रहने और शिक्षा की सलाह देते हैं, उसी तरह बेटे को भी सलाह और रूप देने की जरूरत है।

लड़कों को मोबाइल से दूर रखें
अहमदाबाद के एक स्कूल टीचर नेहल गुप्ता ने कहा कि रिजल्ट में लड़कियां लड़कों से आगे निकल रही हैं और इसका सबसे बड़ा कारण सोशल मीडिया है। मेरे माता-पिता का एक ही अनुरोध है, जितना हो सके अपने लड़कों को मोबाइल से दूर रखें। पिछले 5 सालों में लड़कियां रिजल्ट में लड़कों से आगे हैं और इसका एक ही कारण है कि माता-पिता लड़कों को बचपन से ही मोबाइल की सुविधा देते हैं, जिसकी तुलना में लड़कियों को मोबाइल की सुविधा नहीं मिलती और लड़कियां घर के कामों के साथ-साथ पढ़ाई भी कर रही हैं।

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