आजमगढ़एक घंटा पहले
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आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद ग्रुप फोटो खिंचाते प्रशिक्षु।
आजमगढ़ में श्री रामानंद सरस्वती पुस्तकालय में तीन महीने तक चले प्रशिक्षिण में शामिल बड़ी संख्या में युवाओं ने प्रशिक्षण हासिल किया। प्रशिक्षण हासिल करने वाले युवाओं का कहना है कि तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद हम लोगों को एक रास्ता मिला है। जिसके माध्यम से हम आगे बढ़कर बेहतर काम कर सकते हैं। जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर चल रहे इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल युवाओं को 90 दिनों तक रूरल ट्रांसफॉर्मेशन थ्रू एन्टरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट डिजिटल लिटरेसी के बारे में प्रशिक्षित किया गया जिससे ट्रेनिंग लेने के बाद यह प्रशिक्षित कर्मी अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी अजीविका चला सकें। इस प्रशिक्षण में उद्यमिता कौशल, डिजिटल मार्केटिंग, फोटोग्राफी, व्यवसाय प्रबंधन, वीडियो बनाना, रील बनाना आदि विषयों की जानकारी दी गई।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बारे में जानकारी देते गुजरात चेंबर ऑफ कामर्स की पूर्व सचिव हिना देसाई।
डिजिटल माध्यम से युवाओं को जोड़ना मकसद
दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए संस्था की निदेशक गुजरात चेंबर ऑफ कामर्स की पूर्व सचिव रही हिना देसाई का कहना है कि तीन माह तक चले इस प्रशिक्षण का मुख्य मकसद ग्रामीण इलाकों के बच्चों को हम उन संसाधनों तक पहुंचाना है जो डिजिटल माध्यम से जोड़ सकें। आज युवा पढ़ाई कर रहे हैं पर अपने पैरों पर खड़े नही हो पा रहे हैं। ऐसे में इन युवाओं को पलायन का दंश झेलना पड़ रहा है। ऐसे में इन युवाओं को कंप्यूटर, वीडियो मेकिंग, कौशल विकास के साथ उद्यमिता के बारे में प्रशिक्षित किया गया जिससे यह युवा अपने घर में स्वरोजगार कर अपनी अजीविका चलाएं यही इस कार्यक्रम का मुख्य मकसद है। इस प्रशिक्षण का मुख्य मकसद स्वरोजगार और स्वावलंबन के लिए खासकर बालिकाओं और महिलाओं में गुणात्मक परिवर्तन लाना है।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद राजमिला यादव बोली प्रशिक्षा के बाद खुलेंगे रास्ते।
प्रशिक्षण लेने के बाद खुलेंगे रास्ते,
राजमिला यादव का कहना है कि मैं वर्ष 2014 से जुड़ी हुई हूं। मैं खुद एक सर्वाइवर हूं। इन 90 दिनों में हमने जो कंप्यूटर सीखा और अपनी क्षमता बढ़ने और रोजगार बढ़ाने में काफी सहायक होगा। हमारा प्रयास होगा कि जो महिलाएं समाज की मुख्य धारा से पीछे रह गई हैं उनके लिए प्रेरणा बनकर उन्हें आगे बढ़ाउं।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद बोली नीतू गुप्ता अब नहीं होगा गांव की लड़कियों पर अत्याचार।
अब नहीं होगा गांव की लड़कियों पर अत्याचार
नीतू गुप्ता का कहना है कि हमारे गांव में महिलाओं और लड़कियों पर अत्याचार होते हैं। यहां ट्रेनिंग लेने के बाद हम लोगों को वीडियो बनाने और अपलोड करने के बारे में जानकारी मिल गई है। ऐसे में हम लोग वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड कर बच्चियों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोक सकते हैं।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद बोली अश्मिता यादव जनसेवा खोलकर करूंगी काम।
जनसेवा खोलकर बढूंगी आगे
अश्मिता यादव का कहना है कि मैंने तीन माह में कंप्यूटर फोटोग्राफी रील बनाना सीख लिया है। आगे चलकर जनसेवा खोलकर आगे बढूंगी। समाज में जिस तरह से आज महिलाओं और लड़कियों के साथ हिंसा होती थी। हमने वीडियो वालंटियर से यह सीखा है कि इस तरह के मामलों का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड करें जिससे आगे की कार्रवाई हो सके।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद बोले संदीप कुमार व्यापार बढ़ाने के बारे में मिली जानकारी।
व्यापार बढ़ाने के बारे में मिली जानकारी
संदीप का कहना है कि तीन महीने में कंप्यूटर डिजिटल तकनीक और उद्यमिता के बारे में सीखने को मिला है। यदि आप छोटा व्यापार करते हैं उसे बड़ा कैसे कर सकते हैं इस बारे में हमें जानकारी मिली। सीएचसी का संचालन करता हूं आगे इसे और बढ़ाऊंगा।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद बोली खूश्बू मौर्या, ट्रेनिंग के दम पर स्कूल में मिला काम।
ट्रेनिंग के दम पर स्कूल में मिला काम
खूश्बू मौर्या का कहना है कि कंप्यूटर और व्यापार के बारे में काफी कुछ सीखी हूं। जो मुझे नहीं आता था। यहां तीन माह की ट्रेनिंग में बहुत कुछ सीखा है। इसी के दम पर हमें एक स्कूल में एकाउंटेट का काम भी मिल गया।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद बोले सोनू कुमार कंप्यूटर इंस्टीट्यूट खोलकर युवाओं को दूंगा शिक्षा।
कंप्यूटर इंस्टीट्यूट खोलकर युवाओं को दूंगा शिक्षा
सोनू कुमार का कहना है कि तीन माह कंप्यूटर के बारे में जानकारी मिली यहां से निकल कर कंप्यूटर इंस्टीट्यूट खोलूं जिससे कम फीस में युवाओं को बेहतर शिक्षा दे सकूं। आस-पास के जो इंस्टीट्यूट हैं उनकी फीस काफी ज्यादा है। ऐसे में कम फीस में युवाओं को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराएंगे।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद निक्की बोली ग्रामीण हिंसा रोकने में मिलेगी मदद।
ग्रामीण हिंसा को रोकने में मिलेगी मदद
निक्की का कहना है कि तीन माह में कंप्यूटर, फोटोग्राफी, वीडियो रील बनाना सीखा। महिला हिंसा ग्रामीण क्षेत्र में बहुत होती है। ऐसे में इस तरह की उत्पीड़न की जानकारी होने पर उन वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर कर अपने साथ ही अन्य महिलाओं और लड़कियों की मदद कर सकते हैं।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद ज्योति कुमारी बोली बहुत काम की चीज है वीडियो एडिटिंग।
बहुत काम की चीज है वीडियो एडिटिंग
ज्योति कुमारी का कहना है कि इन 90 दिनों में कंप्यूटर सीखा, उद्यमिता सीखा, जूम कैसे करते हैं, वीडियो कैसे बनाते हैं, रील कैसे बनाते हैं। इसके साथ एडिटिंग कैसे करते हैं। कंप्यूटर में पॉवर प्वाइंट एमएस वर्ड भी सीखा। इसका प्रैक्टिकल भी कराया गया और एडिट भी किया गया। निश्चित रूप से वीडियो एडिटिंग बहुत काम की चीज है।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद बोली करिश्मा मौर्या स्कूली बच्चों को दूंगी बेहतर शिक्षा।
स्कूली बच्चों को दूंगी शिक्षा
करिश्मा मौर्या का कहना है कि फोटोग्राफी कैसे करते हैं, कंप्यूटर सीखा है। आगे चलकर स्कूली बच्चों को यह शिक्षा दूंगी जिससे कि आने वाले समय में बच्चे बेहतर शिक्षा हासिल कर सकें।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद बोले शिवकुमार लीक से हटकर खोलूंगा वेडिंग वीडियोग्राफी।
लीक से हटकर खोलूंगा वेडिंग वीडियोग्राफी
शिवकुमार का कहना है कि यहा पर हमने एंटरप्रन्योरशिप, कैमरे में फोटोग्राफी वीडियोग्राफी कैसे सीखी जाती है। यह सब सीखने के बाद वेडिंग वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का सेंटर खोलकर लीक से हटकर बेहतर काम कर सकूं मेरा यही सपना है।

आजमगढ़ के जोकहरा में तीन महीने की ट्रेनिंग के बाद बोले धर्मराज, रोजगार और मार्केट रिसर्च के बारे में मिली जानकारी।
रोजगार और मार्केट रिसर्च के बारे में मिली जानकारी
धर्मराज का कहना है कि इस तीन महीने में कंप्यूटर, फोटो शॉप, फोटोग्राफी वीडियोग्राफी और एडिटिंग सिखाई गई। हम लोगों को उद्यम और रोजगार कैसे करना है। मार्केट की रिसर्च कैसे करेंगे। आगे चलकर मेरा प्रयास है कि एक सीएचसी सेंटर डालकर अपनी कमाई को कर रोजगार को आगे बढ़ाऊं।
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