निराश मन से शरीर गिरता है, गीता मनोबल बढ़ाती है

Punjab

लुधियाना2 मिनट पहले

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लुधियाना |दशमेश नगर एमआईजी फ्लैट स्थित श्री शिव मंदिर में कमेटी की ओर किए जा रहे तीन दिवसीय आत्म ज्ञान सत्संग के दूसरे दिन प्रवचन करते हुए संत गंगेनंदन योगी महाराज ने कहा कि संसार में तनाव रहित जीना सबसे बड़ी बात है और यह गीता सिखाती है। विज्ञान ने अनेक क्षेत्रों में बहुत कुछ दिया है, लेकिन शांति से रहना विज्ञान नहीं सीखा पाया। चंद्रमा तक विज्ञान पहुंच रहा है, लेकिन धरती पर सद्भावना से कैसे रहना है, यह विज्ञान नहीं सिखा पाया है। भागवत गीता में जीवन को जीने के बहुत सूत्र हैं।

अपने कार्य में कुशलता, शांत मन और मजबूत मन से कैसे जीवन जिया जाता है, यह भगवत गीता के सूत्र बताते हैं। व्यक्ति को अपने मनोबल को कभी गिरने नहीं देना चाहिए। निराश मन से शरीर भी गिरता है। गीता मनोबल बढ़ाती है। महापुरुषों के जीवन चरित्र को अपने सामने रखकर मनोबल बढ़ाओ।

गीता का चिंतन हमारे मन में उत्साह लाता है। इस अवसर पर चेयरमैन राम सिंगला प्रधान मुकेश गर्ग, महासचिव राम प्रकाश, कोषाध्यक्ष विजय बांसल, रामप्रकाश, ब्रजेश अग्रवाल, संजीव चोपड़ा, राम सिंगला, सुमन ग्रोवर, गोरेलाल, विजय बांसल, दिनेश गर्ग, अमित गर्ग, सन्नी गर्ग, नीतीश ग्रोवर आदि ने महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।


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