जालंधर14 मिनट पहले
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जालंधर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते रोडवेज के कर्मचारी
पंजाब में कर्मचारी और सरकार आमने-सामने हैं। पहले पंजाब में पटवारी-कानूनगो यूनियन ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला फिर डीसी दफ्तर मिनिस्ट्रियल स्टाफ यूनियन ने कलम छोड़ हड़ताल की घोषणा की थी जिसे सरकार ने बैकफुट पर आते हुए एकदम मौके पर मांगों को मानकर टाल दिया। अब पंजाब रोडवेज-पनबस पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने राज्य के मुख्यमंत्री को चेतावनी दे डाली है।
पंजाब रोडवेज-पनबस पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन ने कहा कि यदि इस बार 14 सिंतबर को मुख्यमंत्री मीटिंग से भागे तो वह पूरे पंजाब में बसों का चक्का जाम कर देंगे। आज पूरे पंजाब के बस डिपुओं गेट रैलियां कीं गईं। यूनियन के नेताओं का कहना है कि पंजाब सरकार परिवहन विभाग चलाने में विफल हो रही है और परिवहन पर भी ट्रांसपोर्ट माफिया कब्जा होता जा रहा है।
3-4 मीटिंगों का समय देकर भाग चुके हैं
पंजाब रोडवेज-पनबस पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन कहना है कि इस बार उन्हें चेतावनी इसलिए देनी पड़ रही है क्योंकि इससे पहले 3-4 मीटिंगें देकर मुख्यमंत्री भाग चुके हैं। वह बार-बार अब धोखा खाने के मूड में नहीं है। अधिकारियों के साथ 15 से 16 बार मीटिंग कर चुके हैं लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। यूनियन ने 14, 15, 16 अगस्त को हड़ताल और 15 अगस्त को गुलामी दिवस का कार्यक्रम रखा था।

जालंधर डिपो के गेट नंबर पर इकट्ठा हुए रोडवेज कर्मचारी
राज्य स्तरीय आजादी दिवस पर पटियाला में मुख्यमंत्री के घेराव का भी कार्यक्रम था। लेकिन प्रशासन ने मुख्यमंत्री से बात करके उन्हें 25 अगस्त को मीटिंग का समय दिया था। लेकिन ऐन मौके पर आकर बैठक स्थगित कर दी गई। उन्होंने कहा कि अब उम्मीद है कि यूनियन के साथ जो अब 14 सितंबर को बैठक रखी गई वह रद नहीं होगी और मुख्यमंत्री भगवंत मान कच्चे कर्मचारियों की मांगों का समाधान करेंगे।
दो साल में सरकार ने एक भी नई बस नहीं खरीदा
जालंधर 1 और 2 डिपो के गेट पर बोलते हुए राज्य वरिष्ठ उपाध्यक्ष दलजीत सिंह जल्लेवाला कहा कि पंजाब में परिवहन विभाग की हालत यह है कि पंजाब सरकार पिछले दो सालों के दौरान एक भी नई बस नहीं खरीद पाई है। यहां तक कि बसों को रूट और समय सारिणी दी गई है उस पर पर भी ट्रांसपोर्ट माफिया राज पूरी तरह से काबिज है और हावी है।
उन्होंने कहा कि रोडवेज की हालत यह है कि एक तरफ सरकार इसे कमाऊ पूत कहती है और दूसरी तरफ कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं देती है। उन्होंने कहा कि अभी तक उन्हें सैलरी नहीं मिली है। महासचिव चानण सिंह, रणजीत सिंह, गुरप्रीत सिंह भुल्लर, भूपिंदर सिंह फौजी, दविंदर सिंह, मलकीत सिंह कुलविंदर सिंह, चरणजीत सिंह, हरजिंदर सिंह, सुखदेव सिंह ने कहा कि लंबे समय से काम कर रहे कॉन्ट्रैक्ट और आउटसोर्स कर्मचारियों को अभी तक पक्का नहीं किया जा रहा है, उन्हें कम वेतन दिया जा रहा है। समान काम, समान वेतन लागू नहीं किया जा रहा है। बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल नहीं किया जा रहा है।
रिवर्स कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत विभाग को लूटा जा रहा
कर्मचारियों ने कहना है कि रिवर्स कॉन्ट्रैक्ट सिस्टम के तहत विभाग को लूटा जा रहा है। कर्मचारियों की मांग है कि ट्रांसपोर्ट से ठेकेदारी प्रथा खत्म की जाए। सरकार को जीएसटी के 20 से 25 करोड़ जो बचेंगे उन्हें कर्मचारियों के कल्याण पर खर्च करे। कच्चे कर्मचारियों को पक्का करके उनकी सेलरी में 5 प्रतिशत का इजाफा किया जाए। किलोमीटर स्कीम रद कर बसें रोडवेज के बेड़े में शामिल की जाएं। रोडवेज में खाली पदों पर कर्मचारियों की भर्ती की जाए लेकिन यह भर्ती आउट सोर्स या फिर ठेके पर नहीं बल्कि सीधी हो।
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