बदायूं38 मिनट पहले
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बदायूं में बंदर के हाथ पीछे बांधकर 200 मीटर तक घसीटने के बाद झाड़ियों में फेंकने वाले युवकों के खिलाफ कार्रवाई न होने से पशु प्रेमी आहत हैं। पशु प्रेमी व पीएफए (पीपुल्स फॉर एनिमल्स) के अध्यक्ष विकेंद्र शर्मा ने जहां एक ओर सुल्तानपुर सांसद मेनका गांधी से पूरे मामले की शिकायत की है। वहीं अपने बयान में यह भी कहा है कि यदि किसी का बच्चा किडनैपिंग के बाद सकुशल बरामद हो जाता है तो उसे किडनैप करने वालों पर कार्रवाई क्यों की जाती है।
दरअसल विकेंद्र ने यह बयान इसलिए दिया क्योंकि बंदर के हाथ पीछे की ओर बांधकर ले जाने वाले युवकों के खिलाफ न तो वन विभाग ने कोई कार्रवाई की है और न ही पुलिस इस मामले में एक्टिव दिखी। कार्रवाई महज इतनी हुई कि वन विभाग ने दावा किया है कि उस बंदर को टीम ने आजाद करवा दिया है। बंदर को आजाद करने का वीडियो भी वन विभाग के अफसरों ने जारी किया है लेकिन बंदर के साथ क्रूरता करने वालों पर कार्रवाई के नाम पर अफसर खामोशी साधे हुए हैं।
इस्लामनगर कस्बा में चौधरी बदन सिंह मेमोरियल पीजी कालेज वाली रोड पर दो युवक एक बंदर के हाथ पीछे बांधकर उसे घसीटते हुए ले जाते दिखे। एक पशुप्रेमी ने इसका वीडियो बनाया और पीएफए अध्यक्ष को भेज दिया। वीडियो में यह भी दिखा है कि तमाम लोग बंदर के साथ हो रहे कृत्य को देखते हुए गुजर गए लेकिन किसी ने इसका विरोध नहीं किया।
वीडियो रविवार का बताया जा रहा है। विकेंद्र ने यह वीडियो वन विभाग को भेजा तो टीम एक्टिव हुई। सोमवार को वन रेंजर मनोज कुमार का कहना था कि टीम ने बंदर को तलाश लिया उसकी मौत नहीं हुई है। उसे सकुशल आजाद करवा दिया गया है। वन रेंजर ने इसका वीडियो भी अपने स्तर से जारी किया।
युवकों पर नहीं की कार्रवाई
मान भी लिया जाए कि बंदर आजाद हो चुका है लेकिन उसके साथ क्रूरता करने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई? इस सवाल का जवाब अफसरों के पास नहीं है। न तो वन विभाग ने कोई कार्रवाई की और न ही इस्लामनगर थाना पुलिस इस प्रकरण को लेकर एक्टिव दिखी। सिस्टम के रवैये से क्षुब्ध होकर विकेंद्र ने सोमवार रात सांसद मेनका गांधी को पूरे मामले की जानकारी दी है। माना जा रहा है कि मंगलवार को फजीहत के बाद इस प्रकरण में जिम्मेदार कार्रवाई करेंगे।
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