मुंबई7 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
मार्च 2021 में बच्चे के पिता ने मुंबई के भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत कराई थी कि उसकी बुआ ने बच्चे का अपहरण कर लिया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट शुक्रवार 13 अक्टूबर को एक बच्चे की कस्टडी उसकी बुआ को सौंप दी। कोर्ट को जांच में पता चला कि लड़के की मां मनोरोगी है और पिता बहुत ज्यादा गुस्सैल है।
जस्टिस आरआई छागला ने कहा कि उन्होंने लड़के के साथ बातचीत की और पाया कि वह याचिकाकर्ता से भावनात्मक रूप से जुड़ा है, क्योंकि वह जन्म से ही उसकी देखभाल कर रही थी।
जस्टिस छागला ने कहा कि अदालत को ऐसे मसलों को सुनते समय बच्चे की मानसिक-शारीरिक भलाई पर भी ध्यान देना चाहिए।
लड़के की बुआ ने कोर्ट में 5 अक्टूबर को याचिका लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने कस्टडी सौंपने का आदेश जारी किया।
गंभीर मानसिक बीमारी से जूझ रही मां, कोर्ट में भी हंगामा किया
सुनवाई के दौरान पता चला कि जिस बच्चे की कस्टडी मांगी जा रही है उसकी मां गंभीर मानसिक रोगी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी महिला ने भारी हंगामा किया था, जिससे थोड़ी देर के लिए कार्यवाही रोकनी पड़ी थी।अदालत ने कहा लड़के का पिता भी बहुत आक्रामक है।
कोर्ट ने फैसला सुनाने के बाद कहा- नाबालिग बच्चे की लाई को देखते हुए याचिकाकर्ता को उसका वैलिड गार्डिजयन घोषित किया जाना जरूरी है। हालांकि, अदालत ने माता-पिता को नाबालिग बच्चे से मिलने की अनुमति दे दी है।
बुआ का दावा- जन्म के समय ही कस्टडी देने तैयार थे माता-पिता
याचिकाकर्ता महिला ने दावा किया था कि जब बच्चे का जन्म हुआ था तो उसके भाई और भाभी ने बच्चे की कस्टडी उसे सौंपने पर सहमत हो गए थे। इसलिए जहां बच्चे का जन्म हुआ था उस अस्पताल ने बुआ के नाम पर डिस्चार्ज कार्ड जारी किया था। उन्होंने आगे कहा कि जब भी बच्चा अपने माता-पिता के घर जाता था तो वह बीमार पड़ जाता था और उसे इलाज कराना पड़ता था।
याचिकाकर्ता महिला विधवा है और उसकी अपनी कोई औलाद नहीं है। उसने यह भी दावा किया था कि वह बच्चे की देखभाल करने के लिए आर्थिक रूप से भी सक्षम है।
पिता ने दर्ज कराई थी अपहरण की शिकायत
मार्च 2021 में बच्चे के पिता ने मुंबई के भोईवाड़ा पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि याचिकाकर्ता ने उनके बच्चे का जबरन अपहरण कर लिया है। इसके बाद महिला ने बच्चे की कस्टडी माता-पिता को सौंप दी, लेकिन दो महीने बाद उन्होंने यह दावा करते हुए बच्चे को वापस लेने के लिए कहा कि उसकी तबीयत खराब हो गई है।
बाॅम्बे हाईकोर्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…
महिलाओं का छोटे कपड़े पहनकर डांस करना अश्लीलता नहीं

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि महिलाओं के छोटे कपड़े पहनकर डांस करने को अश्लीलता नहीं कहा जा सकता जब तक इससे किसी को परेशानी न हो। कोर्ट ने नागपुर के एक रिसोर्ट में छोटे कपड़े पहनकर डांस कर रही छह महिलाओं के खिलाफ दर्ज की गई FIR रद्द कर दी। पुलिस ने इन पर अश्लीलता फैलाने की धारा में केस दर्ज किया था। पढ़ें पूरी खबर…
Source link