महाकाल लोक में मूर्तियां गिरने पर बरसे कांग्रेसी: हाईकोर्ट के जस्टिस से जांच कराए जाने की मांग, कहा- निर्माण में गुणवत्ता का नहीं रखा ध्यान

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बैतूल17 मिनट पहले

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उज्जैन महाकाल लोक में पिछले दिनों तेज हवा से गिरी मूर्तियों के मामले में कांग्रेस मुखर है। कांग्रेस विधायक और दोनों जिलाध्यक्षों ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस महाकाल लोक के निर्माण में बड़ा घोटाला होने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेताओं ने इस घोटाले की जांच हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से कराने की मांग की है।

कांग्रेस नेताओं ने कहा कि जब पापियों के पाप का घड़ा भर जाता है। तो भगवान स्वयं माया रचकर पाप का भंडाफोड़ कर देते हैं। बीते रविवार उज्जैन के महाकाल मंदिर परिसर में भी ऐसा हुआ। उस दिन 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। जिसे विज्ञान की भाषा में तेज आंधी या तूफान नहीं माना जा सकता, फिर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उद्घाटन किए गए महाकाल लोक की भ्रष्टाचार से बनाई गई मूर्तियां गिर गई।

कांग्रेसियों ने भ्रष्टाचार के लगाए आरोप

दिनांक 4 सितम्बर 2018 को निविदा क्रमांक 52 / यूएससीएल / 1819 तत्कालीन शिवराज सरकार ने योजना बनाई। जिसकी अनुमानित लागत 97 करोड़ 71 लाख रुपए थी। कमलनाथ सरकार के आने के बाद इस राशि को अपर्याप्त मानते हुये इस राशि को बढ़ाकर 300 करोड़ रुपए स्वीकृत किए। कार्यादेश 7 मार्च 2019 को कांग्रेस सरकार द्वारा जारी किया गया।

एफआरपी की प्रतिमाओं की मजबूती हेतु आंतरिक लोहे का ढांचा बनाया जाता है,जो महाकाल लोक की प्रतिमाओं में नहीं बनाया गया। प्रतिमाओं के निर्माण में उपयोग की जाने वाली नेट की मोटाई 1200 से 1600 ग्राम जीएसएम की होना चाहिए। किंतु, महाकाल लोक में स्थापित की गई प्रतिमाओं में 150 से 200 ग्राम जीएसएम की ही चाईनीज नेट उपयोग की गई।

प्रतिमाओं को बिना बेस (फाउंडेशन) के 10 फीट ऊंचे पेडिस्टल पर सीमेंट से जोड़ा गया। इसी कारण 30 किलोमीटर प्रति घंटे की हल्की रफ्तार से चली हवा में ही प्रतिमाएं गिरकर क्षतिग्रस्त हो गई।


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