मुजफ्फरपुर13 मिनट पहले
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हादसे में लापता बच्चों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है।
मुजफ्फरपुर में हुए भीषण नाव हादसे में अब तक पांच शव ही बरामद किया जा सका है। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम लगातार तलाशी अभियान चला रही है। हादसे में डूबने वालों में 7 अब भी लापता हैं। जिनके शव मिले हैं उनमें चार वर्षीय अजमत, 11 वर्षीय वसीम, 20 वर्षीय पिंटू व 40 वर्षीय शमशुल, 16 वर्षीय सुष्मिता शामिल हैं। तीसरे दिन शाम होने के बाद रेस्क्यू अभियान बंद कर दिया गया। अब आज सुबह से फिर सर्च ऑपरेशन चलाया जाएगा।
भटगामा में गुरुवार को हुए नाव हादसे के बाद लापता 12 लोगों की खोज में दोपहर 12 बजे से सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम पहले दिन नाकाम रही। दूसरे दिन घटनास्थल के पास ही 20 वर्षीय पिंटू और 40 वर्षीय शमशुल का शव नदी में उपलाता मिला।

अब तक 5 लोगों के शव मिले हैं। 7 बच्चों की तलाश के लिए फिर ऑपरेशन चलाया जाएगा।
इसके बाद, घटनास्थल से तीन किमी दूर चार वर्षीय अजमत का शव बरामद हुआ। शाम करीब चार बजे पांच किमी दूर दरभंगा जिले के रुपौली से 11 वर्षीय वसीम का शव बरामद किया गया। इसके बाद तीसरे दिन सुबह से सर्च अभियान चलाया गया। इसमें 16 वर्षीय सुष्मिता का शव बरामद किया गया। सभी शवों का पोस्टमार्टम गायघाट पीएचसी में कराकर परिजनों को सौंप दिया गया। एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीम मौके पर कैंप कर रही है।
सर्च ऑपरेशन के जरिए सभी लापता लोगों की तलाश तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। पीड़ित परिजनों को सीओ राघवेंद्र कुमार राघवन ने चार-चार लाख रुपए के चेक दिये। भटगामा में चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में नाव हादसे में डूबे 5 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पीड़ित परिवारों को आपदा राहत कोष से चार-चार लाख रुपये के चेक दिये गए हैं। लापता सभी लोगों के मिलने तक सर्च ऑपरेशन जारी रखा जाएगा।

बच्चों के परिवार वाले अब भी उनके लौटने का इंतजार कर रहे हैं।
घटनास्थल पर मेडिकल की दो टीम लगाई गई
घटना के तीसरे दिन सिविल सर्जन डॉ यूसी शर्मा घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने घटनास्थल का जायजा लिया। उनके साथ मेडिकल की अन्य टीम भी शामिल थी। साथ में मेडिकल किट भी लाया गया। उन्होंने बताया की घटनास्थल पर दो टीम लगाई गई है। मेडिकल किट उपलब्ध कराया गया है। हादसे में बीमार लोगो का लगातार जांच किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से पूरी व्यवस्था है। म
धुरपट्टी गांव के रहने वाले लोगो का हर संभव इलाज किया जायेगा। इसके लिए दो टीम लगा दी गई है। 24 घंटे एंबुलेंस की भी व्यवस्था है। पीएचसी को भी अलर्ट पर रहने को कहा गया है।

हादसे का लाइव वीडियो भी सामने आया था। इसमें बच्चे पानी में डूबते दिखाई दे रहे हैं।
तीसरे दिन भी घटनास्थल पर जुटी रही सैकड़ों लोगों की भीड़
घटना के तीसरे दिन भी मधुरपट्टी घाट के तरफ सैकड़ों लोगों की भीड़ जमी रही। बीच- बीच में शव मिलने की अफवाह पर लोग दौड़ने लगते थे। पीड़ित परिवारों को यह डर सता रहा है कि अपने घर की लक्ष्मी या चिराग का अंतिम बार चेहरा भी देख पाएंगे या नहीं। हालांकि, उनको अभी भी ग्रामीण ढांढस बंधा रहे हैं।
नाव हादसे में पुलिस दर्ज करेगी दो अलग-अलग प्राथमिकी
नाव हादसे को लेकर बेनीबाद ओपी पुलिस दो अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज करेगी। इसके लिए मजिस्ट्रेट के बयान पर प्राथमिकी दर्ज करने की कवायद जारी है। डीएसपी पूर्वी शहरियार अख्तर ने बताया है कि पहली प्राथमिकी मजिस्ट्रेट के बयान पर दर्ज की जायेगी। वहीं, दूसरी प्राथमिकी में हादसे में जान गंवाने वाले परिजनों का बयान दर्ज किया जायेगा। फिलहाल, मजिस्ट्रेट के बयान का इंतजार किया जा रहा है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जायेगी।

मुजफ्फरपुर के गायघाट थाना क्षेत्र के बेनीबाद ओपी के मधुरपट्टी गांव में बागमती नदी में 33 लोगों से भरी नाव डूब गई। 20 लोगों को जैसे-तैसे बचा लिया गया। 12 लोगों नदी के तेज बहाव में बह गए। इनमें स्कूल बच्चों की संख्या ज्यादा है। कुछ लोग राशन लेने के लिए निकले थे, उनकी भी तलाश जारी है।
हादसे के बाद मधुरपट्टी गांव के लोग बागमती नदी के किनारे अपनों के लौटने की प्रार्थना कर रहे हैं। उनमें गुस्सा भी है, क्योंकि हर चुनाव में पुल का वादा किया जाता रहा है, लेकिन मिला कुछ नहीं। प्रत्यक्षदर्शी, बचे बच्चों और अपनों को खाने वालों से नाव हादसे की पूरी कहानी पढ़ने के लिए क्लिक करें..
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