मेरठ शपथ ग्रहण में वंदे मातरम के अपमान का VIDEO: नगर निगम कर्मचारी ने गलत पढ़ा राष्ट्रगीत, सुजलाम सुफलाम मलयज शीतलाम को रिपीट किया, बीच की लाइनें की मिस

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मेरठ33 मिनट पहले

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मेरठ में महापौर, पार्षदों के शपथ ग्रहण समारोह में राष्ट्रगीत वंदेमातरम का जमकर अपमान हुआ। नगर निगम के जिम्मेदार क्लर्क वैभव वाष्र्णेय ने मंच पर खड़े होकर माइक से पूरा राष्ट्रगीत गलत गाया। वंदेमातरम को गलत गाकर उसका अपमान किया। समारोह में मंच पर मेरठ कमिश्नर जे सेल्वा कुमारी सहित मेयर हरिकांत अहलूवालिया, सांसद राजेंद्र अग्रवाल, राज्यसभा सांसद लद्वमीकांत वाजपेयी, राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर सहित एमएलसी व अन्य नेता मौजूद थे। राष्ट्रगीत गलत होने पर दोनों सांसद भड़क गए और दोबारा राष्ट्रगीत कराया।

अफसरों का जवाब कर्मचारी अपनी मर्जी से राष्ट्रगीत करने पहुंचा

मंच पर सभी नेता, अफसरों के सामने गलत हुआ वंदेमातरम

मंच पर सभी नेता, अफसरों के सामने गलत हुआ वंदेमातरम

नगर निगम का क्लर्क वैभव वाष्र्णेय ने मंच पर भरी सभा में शपथ ग्रहण के दौरान गलत वंदेमातरम पढ़ जनता को भ्रमित किया। इतने बड़े आयोजन में निगम कर्मचारी की गैर जिम्मेदाराना हरकत ने सभी को शर्मसार कर दिया। भरे सदन में वंदेमातरम को गलत पढ़कर अपमान किया गया। इतने बड़े आयोजन में किसी कर्मचारी जिसे राष्ट्रगीत नहीं आता उसे ड्यूटी पर लगाया गया। नगरायुक्त अमित पाल से पूछा गया कि वंदे मातरम को गाने के लिए ऐसे कर्मचारी की ड्यूटी क्यों लगी जिसे राष्ट्रगीत आता नहीं, तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उक्त कर्मचारी को यह ड्यूटी अलॉट नहीं थी। अन्य अफसरों का भी यही जवाब था कि इस कर्मचारी को वंदे मातरम गाने के लिए ड्यूटी नहीं मिली थी। जब ड्यूटी नहीं थी तो कर्मचारी कैसे मंच पर वंदेमातरम गाने पहुंचा।

मेयर हरिकांत ने पूरे प्रकरण पर क्या कहा वो पढ़िए

मेयर हरिकांत अहलूवालिया बोले वंदेमातरम न बोलने वाले को सदन क्या निगम में भी प्रवेश नहीं मिलेगा

मेयर हरिकांत अहलूवालिया बोले वंदेमातरम न बोलने वाले को सदन क्या निगम में भी प्रवेश नहीं मिलेगा

नवनिर्वाचित महापौर हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि जिस कर्मचारी ने वंदे मातरम का गलत पाठ किया है वो अशोभनीय, निंदनीय है। इस मामले की जांच कराकर एक्शन भी लिया जाएगा। वहीं सदन में वंदेमातरम के दौरान जब एआईएमआईएम के पार्षद बैठे रहे वंदेमातरम नहीं गाया इस पर मेयर ने कहा कि सदन में रहना है तो वंदेमातरम कहना पड़ेगा। जो भी सदस्य वंदे मातरम नहीं कहेगा उसको सदन में रहने का हक नहीं है। इस पर विचार जरूर किया जाएगा। कहा हमने 2012 में तब ये विषय नहीं चलना दिया। अगर किसी ने भी वंदेमातरम का अपमान किया तो उसे बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जिसने वंदेमातरम का अपमान किया उसे सदन क्या निगम में प्रवेश नहीं मिलेगा। कोई जानबूझकर ऐसा करेगा उसे बख्शा नहीं जाएगा। हरिकांत अहलूवालिया ने कहा कि वंदेमातरम का अपमान कर जिसने भी बेहूदगी की उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जिसने वंदे मातरम का अपमान किया उसके अंदर राष्ट्रीयता की भावना नहीं है।

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