मोतिहारी27 मिनट पहले
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मोतिहारी में राज्य स्तरीय प्राकृतिक खेती सम्मेलन का आयोजन बापू एडोटोरियम में किया गया। दो दिवसीय कार्यक्रम का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर और स्थानीय सांसद पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर किया। राज्यपाल ने उपस्थित किसानों को अपनी पारम्परिक खेती को एक बार पुनः अपनाने की अपील करते हुए कहा कि, रासायनिक खाद से भूमि अपनी उर्वरक शक्ति खोती जा रही है।
इस लिए जो हमारी पौराणिक ओर पारम्परिक खेती का तरीका था उससे आप सभी खेती करिए। उसी से हम अपनी जमीन की सेहत का बचाव कर सकते हैं। कार्यक्रम में इस जिला के अलावा आस पास के जिला के किसानों ने भाग लिया। जिन्हें पारम्परिक और प्राकृतिक खेती के लाभ के बारे में उपस्थित सांसद व पूर्व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह और कार्यक्रम में मौजूद वैज्ञानिकों ने किसानों को बताया।
क्या कहते राज्यपाल
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्राकृतिक और पारंपरा को किसान भूल गए हैं। और विदेशों से आने वाले तकनीक को अपनाने लगे हैं। उन्हे इस बात का केवल लालच दिया गया कि पैदावार बढ़ जाएगी, शुरू में तो उसका फायदा मिला लेकिन धीरे-धीरे जमीन की शक्ति कम होती चली गई।
पारंपरिक खेती से जमीन की उत्पादन क्षमता कम नहीं होगी
हमारे किसान भाई बहन इधर-उधर देखने लगे। सोचने लगे हमारे उत्पादन को क्या होने लगा है। हमने उर्वरक खाद खरीदने के लिए बैंकों से पैसा ऋण लिया। लेकिन पैदावार बेहतर नहीं होने के करना हम लोग ऋण में दबते चले गए, जब हमारे विशेषज्ञों ने इस पर शोध और अनुसंधान किया। तो यह सामने आया कि यह सब रासायनिक खाद के कारण हो रहा है। उसके बाद हमारे देश में फिर से इसपर चिंतन होने लगा। फिर से हम प्राकृतिक और पारंपरिक खेती की तरफ जाने लगे। जब हम प्राकृतिक और पारंपरिक खेती की ओर बढ़े। तो पता चला कि पारंपरिक और प्रकृतिक खेती से हमारी जमीन की उत्पादन क्षमता कम नहीं होगी।
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