जालंधर4 घंटे पहले
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आढ़ती शीशपाल अपनी आपबीती सुनाते हुए।
लुधियाना के तहत आते खन्ना की न्यू ग्रेन मार्केट में खन्ना ट्रेडिंग कंपनी के नाम से आढ़त करने वाले शीश पाल ने एक DSP पर 2 करोड़ 70 लाख रुपए की ठगी करने के आरोप लगाए हैं। शीश पाल ने आरोप लगाया है कि DSP वरियाम सिंह जब साल 2013 में थाना सदर खन्ना के प्रभारी थे तो उन्होंने उसे अवैध रूप से हिरासत में रखा था।
हिरासत के दौरान उसे खूब प्रताड़ित किया गया और उसके बैंक खाते तक फ्रीज करवा दिए गए। इसी दौरान तत्कालीन SHO वरियाम सिंह ने SPD भूपिंदर सिंह, जगजीत सिंह और गुरदीप सिंह ASI के साथ मिलकर उसकी सहमति के बिना खाते से जबरन 2 करोड़ 70 लाख रुपए निकाल लिए।
आढ़ती ने कहा कि उन्होंने बैंक खाते से पैसे की निकासी के लिए आरटीआई डाली पर, उसका कोई जवाब नहीं मिल रहा है।
बड़ा लैप्स-FIR के आदेश, फिर भी हो गई प्रोमोशन

झूठी शिकायत पर थाने में रखा
पीड़ित शीशपाल ने जालंधर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि साल 2013 में सूरज सिंह, सतपाल सोहे ने मौजूदा एसएचओ थाना सदर खन्ना वरियाम सिंह, जो अब डीएसपी पद पर तैनात हैं के साथ मिलकर पहले एक झूठी शिकायत बनाई। फिर उसे बिना कोर्ट में पेश किए 4 दिन तक यह कहकर थाने में प्रताड़ित किया कि उसे रिमांड पर लिया हुआ है। जबकि उसकी रिकॉर्ड में गिरफ्तारी भी नहीं डाली हुई थी।
शीशपाल ने कहा कि तत्कालीन SHO वरियाम सिंह ने उसे किसी कोर्ट में या जज के सामने पेश तक नहीं किया था। थाना प्रभारी उसे झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देते रहे। पीड़ित का कहना है कि इस दौरान केनरा बैंक खन्ना में मेरा खाता जो पीर एजेंसी के नाम पर था इंडियन बैंक खन्ना, सेंट्रल बैंक का खाता जबरन फ्रीज करवा दिया।
खाते फ्रीज होने से आर्थिक नुकसान पहुंचा
उन्होंने कहा कि जिस स्थान पर रहता हूं वह सिटी खन्ना थाने के अंतर्गत आता है, लेकिन उसके खिलाफ झूठी शिकायत पर गलत कार्रवाई सदर खन्ना थाना में की गई। उन्होंने कहा कि बैंक खाते फ्रीज होने पर वह आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट गया। मैंने किसानों का पैसा देना था जो मैं नहीं दे पाया। वह बिहार के किसान, जमींदारों का पैसा नहीं चुका सके और उसके खिलाफ बिहार पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हो गया।
खन्ना सदर थाना प्रभारी की प्रताड़ना के कारण उसे बिहार की कई जेलों में रहना पड़ा। पीड़ित व्यक्ति का आरोप है कि इन पुलिस अधिकारियों और लोगों के धोखे के कारण वह बुरी तरह फंस गया है और बर्बाद हो गया है। इस मामले को लेकर उसने कई बार उच्च अधिकारियों से शिकायत की है।

गृह विभाग के आदेश पर अधिकारियों ने वरियाम सिंह के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन बावजूद इसके कुछ नहीं हुआ।
आदेश के बावजूद दर्ज नहीं हुई DSP पर FIR
पीड़ित ने कहा डायरेक्टर ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के पास शिकायत दर्ज की गई, जिसके बाद लुधियाना के आईजी और एसएसपी खन्ना से आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने ताकीद भी हुई थी। इसके बाद गृह सचिव की ओर से एडीजीपी जांच भी कराई गई और फिर केस दर्ज करने को कहा गया, लेकिन इस मामले को लेकर आज तक केस दर्ज नहीं हुआ।
पीड़ित ने कहा कि उसकी लुधियाना में कोई सुनवाई नहीं हो रही है। DSP वरियाम सिंह अब रिटायरमेंट ले रहे हैं और वह विदेश जाने वाले हैं। उन्होंने आरोप लगाए कि अगर उनके खिलाफ FIR नहीं हुई तो वह विदेश भाग जाएगा। पीड़ित ने पंजाब सरकार और डीजीपी गौरव यादव से गुहार लगाई है कि उसे न्याय दिलाया जाए, आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए।
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