
पति के साथ शिव मंदिर में पूजन करती शबनम उर्फ रानी गौर।
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छत्तीसगढ़ के बालोद में महाशिवरात्रि पर शहर की एक मुस्लिम महिला ने सनातन धर्म स्वीकार कर लिया। शबनम शनिवार को अपने पति के साथ शिव मंदिर पहुंची और पूजा-आरती की। उन्होंने खुद ही अपना नामकरण रानी गौर के तौर पर किया। कहा कि अब वह सनातन संस्कृति से काफी प्रेरित हैं। इसके चलते हिंदू धर्म मे प्रवेश कर रही हैं। उनके पति का नाम मनोज गौर है। ऐसे में वह अपना मुस्लिम धर्म छोड़ रही हैं। वह अपने पति के साथ उनके धर्म में रहकर जीवन यापन करना चाहती हैं।
दरअसल, रानी गौर उर्फ शबनम शहर का चर्चित नाम है। वह कई सालों से हिंदुओं के त्योहारों और व्रतों पर पोस्टर-बैनर लगवाती आ रही हैं। हर बैनर और पोस्टर पर उनका नाम और चेहरा होता है। पांडे पारा स्थित शिव मंदिर में पहुंची रानी गौर ने दीप जलाए, पूजा- पाठ और फिर आरती की। कहा कि, सनातन संस्कृति सबसे पुरानी संस्कृति है। इसे ही प्रेरणा बनाकर आगे बढ़ना चाहती हूं। वह पशुपति नाथ भगवान शिव का हमेशा से व्रत करती आ रही हैं। उन्होंने कहा कि विधि-विधान से हिंदू धर्म में प्रवेश कर रही हूं।
शबनम उर्फ रानी ने महाशिवरात्रि के पर्व के दौरान मंदिर में पहुंचे भक्तों से कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र बनना चाहिए। सभी को इस बात की शपथ लेनी चाहिए कि हम भारत को हिंदू राष्ट्र बनाएंगे। उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति ही सबसे पुरानी संस्कृति है और इसी से ही देश का भला हो सकता है। उन्होंने हिंदू धर्म के लोगों को यह संदेश दिया कि आप सनातन संस्कृति में ही जुड़े रहें। किसी और धर्म में अपना परिवर्तन ना करें। इससे बेहतर धर्म कुछ नहीं हो सकता। इस दौरान हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता भी मौजूद रहे।
विश्व हिंदू परिषद के जिला महामंत्री सतीश विश्वकर्मा कहा कि, बड़े हर्ष का विषय है कि हमारी बहन शबनम पुरातन संस्कृति में प्रवेश कर रही हैं। हमारा केवल इनके साथ यह योगदान है कि हम अपनी संस्कृति का प्रचार-प्रसार करते हैं। शबनम ने इसे अपनाया, इसके लिए हम उनका आभार व्यक्त करते हैं। वहीं संयोजक उमेश कुमार सेन ने कहा कि यहां पर आज विशेष पूजा अर्चना की जा रही है। हम तमाम उन भाइयों बहनों का सम्मान करते हैं जो हमारी संस्कृति की रक्षा के लिए आगे आना चाहते हैं।