इटवाएक घंटा पहले
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जिलाधिकारी संजीव रंजन व पुलिस अधीक्षक अभिषेक कुमार अग्रवाल की उपस्थिति में शनिवार को इटवा तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में ज्यादातर फरियादी मायूस होकर वापस लौटे। डीएम व एसपी के आने के बाद भी अधिकांश समय सन्नाटे की स्थिति रही। केवल 23 मामले पेश हुए, मौके पर सिर्फ दो का ही निस्तारण हो सका। सर्वाधिक मामले राजस्व विभाग से संबंधित रहे। जिनकी संख्या 12 रही। जिलाधिकारी ने एक-एक मामलों को सुना और संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि निष्पक्ष जांच कर निर्धारित समय के अंदर इसका निस्तारण कराएं। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता क्षम्य नहीं होगी।
तेज धूप व उमस भरे मौसम में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस में फरियादियों की संख्या काफी कम रही। जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान के कार्यक्रम में संख्या 50 यहां तक 100 का आंकड़ा पार हो जाता था। मगर इस बार कार्यक्रम काफी फीका रहा। राजस्व, विकास, शिक्षा, पूर्ति एवं अन्य विभागों के शिकायतों की सुनवाई जिलाधिकारी संजीव रंजन तथा पुलिस विभाग से सम्बन्धित प्रार्थना पत्रों की सुनवाई पुलिस अधीक्षक द्वारा की गई। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप गरीबों, असहायों को उचित एवं त्वरित न्याय दिलाये जाने की कार्रवाई सुनिश्चित करें।
किसी भी पीड़ित व्यक्ति को उचित न्याय दिलाना हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है। किसी भी विभाग का तहसील दिवस का कोई भी प्रकरण लम्बित नहीं होना चाहिए। यदि किसी भी भी विभाग का प्रकरण लम्बित पाया जायेगा तो सम्बन्धित के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
इन विभागों के आए इतने मामले
सम्पूर्ण तहसील समाधान दिवस में कुल 23 प्रार्थना पत्र प्रस्तुत हुए। इनमें राजस्व-12, पुलिस 4, विकास 2, आपूर्ति 1, विद्युत 2 तथा अन्य 2 मामले शामिल रहे। इसमें दो मामले का निस्तारण मौके पर किया गया। शेष को जांच के उपरांत निस्तारित करने का निर्देश विभागाध्यक्षों को दिया गया। SDM करमेंद्र, BDO राजकुमार, BDO खुनियांव राकेश शुक्ल, BEO महेंद्र प्रसाद, SDO कौशल किशोर सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
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