सिंगरौली20 मिनट पहले
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मध्यप्रदेश की उर्जाधानी सिंगरौली जिले के चितरंगी विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा है। अमर सिंह यहां से विधायक हैं। इस सीट पर आदिवासियों वोटरों का दबदबा है। यहां भाजपा कांग्रेस के अलावा बीएसपी दल का भी जनाधार भी देखने को मिलता है।
2018 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी अमर सिंह को 86585 वोट और कांग्रेस प्रत्याशी सरस्वती सिंह को 27337 वोट मिले थे। बीजेपी के अमर सिंह ने कांग्रेस के सरस्वती सिंह को 59248 वोट से हराया था। करीब 2 लाख 12 हजार से ज्यादा मतदाताओं वाली यह सीट सीधी लोकसभा के अंतर्गत आती है। इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा प्रत्याशी बारी-बारी से चुनाव जीतते आए हैं। यही वजह है कि दोनों दल यहां से अपनी संभावनाएं तलाशने में जुटे हैं।
वोटरों की कुल संख्या 2 लाख 12 हजार
वर्ष 2013 के चुनाव में यहां से कांग्रेस ने बड़ी जीत हासिल की थी। तब सरस्वती सिंह ने भाजपा के जगन्नाथ सिंह को करीब 9845 वोटों से चुनाव हराया था। कांग्रेस-भाजपा के अलावा यहां बीएसपी पार्टी का भी अच्छा जनाधार है और पार्टी ने पिछले चुनाव में 20 फीसदी वोटों पर सेंध लगाई थी।
साल 2008 में यहां से बीजेपी के जगन्नाथ सिंह चुनाव जीते थे। इसके बाद साल 2013 में कांग्रेस के सरस्वती सिंह को जनता ने मौका दिया। लेकिन वर्ष 2018 में बीजेपी के अमर सिंह को जनता ने मौका दिया और विधायक चुने गए। विधानसभा सीट में वोटरों की कुल संख्या 2 लाख 12 हजार है।
यहां आदिवासियों वोटरों का दबदबा है। यही वजह है कि यहां आदिवासी वर्ग के लिए सीट भी आरक्षित कर दी गई है। चितरंगी विधानसभा सीट में एक बड़ा संकट यह भी है कि भाजपा कांग्रेस दोनों पार्टियों के नेताओं के बीच में एक जुटता नहीं है। यहां बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में गुटबाजी चरम पर है। एक ही पार्टियों में कई दल बंटे हुए हैं। इसका असर चुनाव पर भी देखने को मिलता है।
2008 में अस्तित्व में आई यह विधानसभा सीट
2002 के परिसीमन आयोग के आधार पर 2008 में चितरंगी विधानसभा सीट अस्तित्व में आई थी। चितरंगी सीट पर 2008 में पहली बार यहां विधानसभा चुनाव हुआ। वैसे तो चितरंगी विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है। इस सीट पर दो बार बीजेपी और एक बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है। गठन के बाद अभी तक 3 बार इस सीट पर चुनाव हुए है। 2023 का विधानसभा चुनाव चितरंगी सीट पर चौथी बार होगा। इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी बारी बारी से जीत हासिल की है।
2018 में चितरंगी सीट से बीजेपी के अमर सिंह ने जीत दर्ज की थी, वहीं 2013 में कांग्रेस की सरस्वती सिंह ने जीत कांग्रेस के हाथों में सौंपी। इससे पहले 2008 में बीजेपी के जगन्नाथ सिंह ने विजय हासिल की थी। यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होता है, जबकि बीएसपी यहां त्रिकोणीय मुकाबला बनाती है।
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