स्वच्छता में नंबर वन तो सेहत में क्यों नहीं: कनाडा की स्वास्थ्य सलाहकार इंदौरियों से बोलीं खूब खाओ बस योग-प्राणायाम दिनचर्या में शामिल करो

MP

  • Hindi News
  • Local
  • Mp
  • Indore
  • Indori, Which Has Received The Clean City Award Six Times, Can Also Achieve Success In Health; Know How…

इंदौरएक घंटा पहले

  • कॉपी लिंक

कनाडा की हेल्थ एण्ड वेलनेल मेंटोर व बिजनेस कोच रूपी भाटिया ने कहा कि इंदौर के लोगों में जैसी स्वच्छता को लेकर अवेयरनेस है, वैसी ही स्वास्थ्य को लेकर भी होना चाहिए। मुझे गर्व है इंदौर व इंदौरियों पर कि देश में छह बार क्लीन सिटी में देश में परचम लहराया। इसकी चर्चा कनाडा ही नहीं पूरी दुनिया में होती है।

रूपी भाटिया बीते 26 सालों से कनाडा की हेल्थ एण्ड वेलनेस मेंटोर (सलाहकार) हैं। उनका दावा है कि अच्छी सेहत के लिए यह जरूरी नहीं है कि आप जिम जाएं, अन्य तरीकों व सीमित खानपान से भी स्वस्थ रहा जा सकता है।

कनाडा से इंदौर आई रूपी भाटिया ने शुक्रवार को दैनिक भास्कर से चर्चा की। वे 25 सालों से हेल्थ व लाइफ स्टाइल कोच के तौर पर पूरी दुनिया में अलग-अलग स्थानों पर अपने व्याख्यान दे चुकी हैं। वे एक सफल उद्यमी हैं और बिजनेस के क्षेत्र में भी लोगों को आगे बढ़ने में वे मदद करती हैं।

वे यहां एक होटल में आयोजित “अल्टीमेट हेल्थ बूट कैम्प’ में शिरकत करने आई थी। उन्होंने यहां बताया कि किस तरह से हम प्रतिदिन अपने जीवन में छोटे बदलाव करके खुद को सेहतमंद रख सकते हैं, कैसे हमारा खान-पान हमारी सेहत को प्रभावित करता है, कैसे हम अपने जीवन को सेहतमंद बनाकर लम्बी स्वस्थ आयु को प्राप्त कर सकते हैं, इन सवालों का उन्होंने समाधान किया।

रूपी भाटिया। 26 साल से कनाडा में हेल्थ एण्ड वेलनेस मेंटोर (सलाहकार) हैं।

रूपी भाटिया। 26 साल से कनाडा में हेल्थ एण्ड वेलनेस मेंटोर (सलाहकार) हैं।

इंदौर के लोगों की सेहत को लेकर आपका क्या सोच है?

इंदौरियों में जब सफाई को लेकर इतनी अवेयरनेस है तो वे अपना अच्छा स्वास्थ्य भी बनाकर रख सकते हैं। वे क्लीन सिटी को हेल्दी सिटी बना सकते हैं। दरअसल जहां जागरूकता नहीं है वहां मुश्किलें होती हैं लेकिन इंदौर के लिए यह मुश्किल नहीं है। यहां के लोग समाज में कई प्रकार से योगदान दे रहे हैं जो काबिले तारीफ है।

इंदौरी खाने-पीने के बहुत शौकीन हैं। यहां देर रात तक खान-पान की दुकानें खुली रहती हैं। जाहिर है कि खाने-पीने का कोई टाइमिंग नहीं है। ऐसे में हेल्थ को कैसे मेन्टेन किया जा सकता है?

दरअसल पुरानी चीजें सारी जियो ग्राफी के आधार पर बनी है। यहां का मौसम गर्म है। पहले सुबह का हेवी भोजन या नाश्ता लोगों को एनर्जी देता था और लोग दिनभर डट कर काम करते थे। अब समय के साथ लोग मॉडर्न हो गए हैं। हमने खाने का तरीका तो वही रखा लेकिन एनर्जी जहां जाती थी वह बंद कर दी। अगर हम पुराने तरीके से भोजन करना चाहते हैं तो एक्टिविटी भी बढ़ानी होगी। थोड़े-थोड़े भी बदलाव कर लाइफ स्टाइल बेहतर कर सकते हैं।

शरीर को और कैसे तंदुरूस्त रखा जा सकता है?

इंदौर के लोग लेट नाइट भोजन करते हैं। अगर आप काम से ही देर से लौटते हैं तो कोशिश कीजिए की रात को हैवी भोजन मत लीजिए तथा भोजन करते ही सोए भी नहीं।

शरीर के लिए एक्सराइज कितनी जरूरी है?

सारा मामला कैलोरी से जुड़ा है। अगर आप वजन घटाना चाहते हैं और जिम जाकर कैलोरी बर्न नहीं कर सकते, वॉक नहीं कर सकते तो ऐसे में कम मात्रा में भोजन कीजिए। हर चार घंटे बाद हल्का ही खाएं। ज्यूस के बजाय फल खाएं ताकि इन्टेस्टाइन साफ रहे, पानी पीजिए और घर का ही भोजन करिए वह भी सीमित मात्रा में।

वजन बढ़ना कितना हानिकारक है?

दरअसल लोगों की धारणा है कि उनके पास पैसे नहीं है, वे स्वस्थ नहीं रह सकते जबकि ऐसा नहीं है। यह भी सही है कि वजन बढ़ता है तो समस्याएं भी बढ़ती है क्योंकि अधिकांश बीमारियां पेट से ही उत्पन्न होती है। अगर हम नॉर्मल भोजन करेंगे को स्वास्थ्य अच्छा रखा जा सकता है।

प्रेजेंटेशन के जरिए बताए स्वस्थ रहने के गुर

इसके पूर्व सेमिनार में डॉ. नेहा अरोरा वर्मा ने सेहत से जुड़े मुद्दों को 10 स्टेप्स में प्रेजेंटेशन के जरिए समझाया कि यदि हम अपनी ज़िन्दगी को सेहतमंद बनाने का संकल्प लें तो फिर हमें बीमारियां कभी भी नहीं घेर सकती। सेमिनार में प्रतिभागियों ने हेल्थ से जुड़े कई सवाल किए जिसका समाधान किया गया।

इस दौरान शुगर, स्पाइन से ग्रस्त रहे मरीजों ने अपने अनुभव साझा किए। डायबिटीज के मरीजों ने बताया कि उन्होंने कैसे अपनी शुगर रिवर्स की। इस मौके पर अवेयरनेस व रिकवरी को लेकर उनका सम्मान भी किया गया।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *