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येलो अलर्ट के बीच पेंड्रा में 'महुआ' को हुआ नुकसान।

येलो अलर्ट के बीच पेंड्रा में ‘महुआ’ को हुआ नुकसान।
– फोटो : संवाद

विस्तार

जिले में येलो अलर्ट के बीच पिछले तीन-चार दिनों से मौसम के बदले मिजाज ने जहां एक और चिलचिलाती गर्मी और धूप से राहत दिलाई है तो वहीं फसलों के लिए आफत की साबित हो रही है। सब्जी की खेती के साथ-साथ महुआ के संग्रह को इससे काफी नुकसान हो रहा है। मौसम विभाग अनुमान है कि  20 मार्च तक मौसम ऐसा ही बना रहेगा। 

पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बदले मौसम के मिजाज के अलग-अलग प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। एक तरफ जहां मार्च के महीने में पढ़ रही चिलचिलाती धूप एवं गर्मी से निजात मिली है। तो वहीं लगातार चले तूफान ने सब्जी उत्पादकों को भारी नुकसान पहुंचाया है। गर्मी के मौसम में जहां तापमान 35 डिग्री पहुंच गया था। वहीं अब तेज हवाओं के साथ गरज एवं चमक के साथ हुई बारिश से तापमान में लगभग पांच डिग्री की गिरावट ला दी है।

न्यूनतम तापमान में भी तीन डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग में 17 मार्च से 20 मार्च तक की वार्निंग जारी की थी। जिसमें ऑरेंज और येलो अलर्ट भी जारी किया गया था। वहीं, 8 जिले में येलो अलर्ट जारी किया गया है कल एक दिन में ही 33 मिलीमीटर बारिश मौसम विभाग ने दर्ज की है। कल दोपहर बाद बदला मौसम देर रात तक जारी रहा दोपहर बाद से शुरू हुई बारिश देर रात तक रुक-रुक कर होती रही। इसके साथ ही इस दौरान लगातार तेज हवाओं के साथ गरज एवं चमक दिखाई दी। 

बदले मौसम का असर महुआ संग्रह को पर बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है। बारिश एवं तूफान की वजह से महुआ की फसल को खासा नुकसान हुआ है। किसान सुन्ना सिंह और साहस राम का कहना है कि लगभग 15 दिनों तक गिरने वाला महुआ की फसल अब बमुश्किल एक-दो दिन ही और गिरेगी। बता दें कि, फसल संग्रह कर आदिवासी अपने साल भर के नमक तेल के साथ जरूरी खर्च के लिए पैसा जुटा लेते हैं। जिससे हुआ नुकसान आदिवासी वर्ग के लिए बड़ा नुकसान है। वहीं, सब्जी उत्पादकों के लिए भी यह मौसम नुकसान भरा रहा है।

 

हालांकि ओले नहीं गिरने से सब्जियों को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है लेकिन, लगातार चले तूफान ने टमाटर एवं सब्जी उत्पादकों को काफी नुकसान पहुंचाया है। वहीं, मिट्टी का कच्चा काम करने वाले कुम्हार भी बारिश एवं तूफान से परेशान हैं। बेमौसम हुई बरसात में ईट एवं खबर बनाने वाले कुम्हारों को काफी नुकसान पहुंचाया है। कुम्हारों का कहना है कि अब तक भट्ठे में लगकर ईंट पका नहीं था जो खराब हो गया है। इस नुकसान की भरपाई शासन स्तर से भी नहीं होगी।



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By o24

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