दिल्ली और मुंबई सहित विभिन्न हवाईअड्डों पर यात्रियों की बढ़ती भीड़ व कतारों को लेकर संसदीय समिति ने चिंता जताई। संसद में रखी रिपोर्ट में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को कहा गया कि टर्मिनल के विस्तार पर जोर दें। साथ ही चेक-इन काउंटर व सुरक्षा जांच द्वार भी बढ़ाए जाएं, ताकि यात्रियों को आवागमन में बाधा न आए।
परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर बनी संसदीय स्थायी समिति की रिपोर्ट में दिल्ली और मुंबई सहित विभिन्न हवाईअड्डों पर यात्रियों की भीड़ से पैदा हो रहे हालात का मूल्यांकन किया गया। इन हालात की प्रमुख वजह हवाईअड्डों की सीमित क्षमता बताई गई। यह खराब योजना की वजह से हुआ। मंत्रालय से जरूरी गाइडलाइन जारी करने को कहा गया।
मंत्रालय सभी एयरपोर्ट ऑपरेटरों को बोर्डिंग गेट के लिए वैकल्पिक मार्ग पहचानने के निर्देश दे, बुजुर्गों और चलने में अक्षम लोगों को हर समय विशेष व्यवस्था प्रदान की जाए।
निर्देश : आईजीआई हवाईअड्डे के 29 राइट पर शुरू करवाएं काम : रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के आईजीआई हवाईअड्डे के टर्मिनल 1 स्थित चौथे रनवे ‘29 राइट’ को प्रशासकीय वजहों से काम में नहीं लिया जा रहा है। इससे हवाईअड्डे की क्षमता प्रभावित हो रही है, उड़ानें लेट हो रही हैं, विमान कंपनियों का खर्च बढ़ रहा है। इसे ठीक करके काम में लिया जाए।
सवाल : कितने विमान हैंगर में खड़े, किराया कितना लिया : समिति ने पूछा कि कितने विमान पुराने, अनुपयोगी व चलन से बाहर होने के बाद देश के विभिन्न हवाईअड्डों के हैंगर पर खड़े कर दिए गए हैं? इनके लिए कितनी पार्किंग फीस ली जा रही है? इन्हें हटाने के लिए क्या योजना है?
- कमाई बढ़े, यह ध्यान में रख यात्रियों के मार्ग तय किए : गैर-उड़ान गतिविधियों के जरिये कमाई बढ़ाने के लिए हवाईअड्डों पर यात्रियों के खास मार्ग तय किए गए हैं।
आईजीआई एयरपोर्ट पर लगीं कतारें, 3-3 घंटे फंसे यात्री
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर बुधवार को इमिग्रेशन और सुरक्षा जांच-बिंदुओं पर यात्रियों की लंबी कतारें लगीं। इनमें यात्री कई घंटे जूझते रहे। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर इसे लेकर तस्वीरें और वीडियो पोस्ट किए और हालात बयान किए। एक यात्री ने बताया कि उसे इमिग्रेशन और सुरक्षा जांच के लिए कतारों से होकर गुजरने में तीन घंटे लग गए। कुछ नियमित यात्रियों ने बताया कि यह समस्या अब स्थायी हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि दिसंबर व जनवरी में विमान कंपनियों ने यात्रियों को सुझाव दिया था कि वे विमान के प्रस्थान समय से साढ़े तीन घंटे पहले हवाईअड्डे पर पहुंचें, ताकि परेशानी न आए। दिसंबर में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टर्मिनल 3 का अचानक दौरा किया था, क्योंकि यहां भीड़ लगने और लोगों का काफी समय नष्ट होने की शिकायतें मिली थीं। उन्होंने समाधान के लिए संबंधित स्टाफ के साथ बैठक की थी। फिर भी हालात वैसे ही हैं। ब्यूरो
यात्रियों ने सोशल मीडिया पर साझा किए हालात
- मोहित नामक यात्री ने बताया कि जब कोई राजनेता किसी समस्या को सुलझाने लगता है तो वे कोई उम्मीद नहीं रखते। राजनेता बस मीडिया में बने रहना चाहते हैं, जमीन पर कोई ठोस बदलाव नहीं आ पाता।
- एक अन्य यात्री मानस ने आईजीआई हवाईअड्डे को सबसे खराब एयरपोर्ट करार दिया और पूछा कि इसे सर्वश्रेष्ठ होने का अवॉर्ड कौन देता है? यहां के स्टाफ की नजरअंदाजी हैरान करने वाली है। बंगलूरू का हवाईअड्डा इससे कहीं बेहतर है।
- लाउंज में मौजूद यात्री समकित जैन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि टर्मिनल 3 की लाउंज की कतार सुरक्षा जांच की कतार से भी बड़ी है।