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सांकेतिक तस्वीर।

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : Pixabay

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जापान के शोधार्थियों ने एक अध्ययन में दावा किया है कि कोरोना के ओमिक्रॉन स्वरूप का उप स्वरूप एक्सबीबी.1.5 अत्यधिक संक्रामक है। यह उप स्वरूप काफी तेजी से प्रसारित होने की क्षमता रखता है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, तीन साल बाद भी कोरोना वायरस का खौफ बना हुआ है। हालांकि, इसके खिलाफ अत्यधिक प्रभावी टीके मौजूद हैं। बावजूद इसके वायरस में आनुवंशिक बदलावों की निगरानी बेहद जरूरी है। द लैंसेट इंफेक्शन डिजीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के जरिये जापानी शोधकर्ताओं के नेतृत्व में एक टीम हाल ही में नए एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप को चिह्नित करने में सफलता हासिल की है, जिसका पहली बार अक्तूबर 2022 में पता चला था।

जापान की यूनिवर्सिटी ऑफ टोक्यो के द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस के प्रोफेसर केई सातो ने बताया, ओमिक्रॉन का एक्सबीबी.1.5 उप स्वरूप पिछले स्वरूप की तुलना में अधिक तेजी से फैल सकता है और इसमें अगले स्वरूप को पैदा करने की क्षमता भी ज्यादा है। ऐसे में महामारी वृद्धि को लेकर आशंका जताई जा सकती है। उसके लिए हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा को लेकर सावधानीपूर्वक निगरानी करनी चाहिए।





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By o24

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